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दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण चरम पर, एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा

दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण चरम पर, एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा

दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की हवा अब ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की जा रही है। इससे पहले यह ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में थी, लेकिन अब दिल्ली ने पाकिस्तान के लाहौर को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में पहला स्थान हासिल कर लिया है।

बढ़ते प्रदूषण से लोग परेशान
दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि लोगों को घर से बाहर निकलने में भी कठिनाई हो रही है। कई लोग सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, और डॉक्टरों का कहना है कि वायु प्रदूषण का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है।

दिल्ली का AQI 500 के पार
दिल्ली का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हर शाम 4 बजे मापा जाता है। सोमवार को यह 418 दर्ज किया गया, लेकिन शाम तक यह 500 से अधिक हो गया। यह आंकड़ा ‘गंभीर’ श्रेणी का है, जो हवा की खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।

एयर क्वालिटी इंडेक्स को समझें
AQI 100 से कम होने पर हवा को ‘संतोषजनक’ माना जाता है। 200 तक का AQI ‘खराब’ और 400-500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। यदि AQI 1000 से ऊपर पहुंच जाए, तो यह ‘खतरनाक’ श्रेणी में होता है।

एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में उछाल
वायु प्रदूषण के बढ़ने के साथ ही एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेजी आई है। व्यापारियों का कहना है कि अब लोग बड़ी संख्या में इन उत्पादों को खरीद रहे हैं। इंदिरापुरम स्थित एक डीलर ने बताया कि पहले जहां वे रोज़ाना 20 एयर प्यूरीफायर बेचते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 40 हो गई है।

फ्लाइट्स और ट्रेनों पर असर
प्रदूषण के कारण विजिबिलिटी में भारी गिरावट आई है। इसका असर हवाई यात्रा पर भी पड़ा है। कई फ्लाइट्स रद्द कर दी गई हैं, और कुछ के रूट्स बदल दिए गए हैं। ट्रेनों के शेड्यूल में भी गड़बड़ी हो रही है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार और जनता से अपील
सरकार और विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें। साथ ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कार पूलिंग, सार्वजनिक परिवहन के उपयोग और अन्य उपायों को अपनाने का सुझाव दिया गया है।